Bijak or Bijar Dungri of virat nagar:
यह पहाड़ी अपने आधार पर लगभग पौन मील के घेरे में स्थित है। बैराठ के दक्षिण-पूर्वी कोने पर स्थित यह पहाड़ी विशाल स्लेटी प्रस्तर खण्डों से निर्मित है। ह्वेनसांग द्वारा वर्णित आठ बौद्ध मठों में से 2 मठ इस पहाड़ी पर स्थित थे। उनके अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। इन मठों में लगी ईंटें अपेक्षाकृत काफी बड़े आकार की हैं। इन मठों के दो चबूतरे इस पहाड़ी पर बने हुए हैं। ऊपर वाले चबूतरे को कुछ विद्वान किसी स्तूप का आधार मानते हैं तथा नीचे वाले चबूतरे के मध्य में स्थित कक्ष को मंदिर का मुख्या कक्ष मानते हैं। बीजक की पहाड़ी पर 73 फुट लम्बी तोपनुमा गुफा है जो सफ़ेद पत्थर की चट्टान के नीचे स्थित है। इसे दीवार खड़ी करके दो भागों में बाँट दिया गया है। इस पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में एक बहुत बड़ी गुफा है जो आदिम युग में आदि मानवों का तथा बाद में बौद्धों का आवास बनी। एक गुफा कछुआनुमा है जो लगभग 10 मीटर लम्बी तथा 8 मीटर चौड़ी है। इस गुफा में लगभग 50 हजार वर्ष पुराने शैल चित्र प्राप्त हुए हैं।