महाभारत के युद्ध में तत्कालीन वृहत भारतवर्ष के सभी राज्यों ने भाग लिया था। कुछ ही राज्य ऐसे थे जो इस युद्ध में तटस्थ थे। इन तटस्थ देशों की देखरेख में कौरवों और पांडवों ने युद्ध के कुछ नियम बनाये। भले ही युद्ध प्रारम्भ होने के बाद इन नियमों को ताक में रख नियमों के विरुद्ध कर्म किये गए। ये नियम इस प्रकार थे।
- प्रतिदिन युद्ध का समय सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही रहेगा। सूर्यास्त के पश्चात् युद्ध नहीं होगा।
- युद्ध समाप्ति के पश्चात छल-कपट छोड़कर सभी लोग प्रेम का व्यवहार करेंगे।
- रथी रथी से, हाथी वाला हाथी वाले से और पैदल पैदल से ही युद्ध करेगा।
- एक वीर के साथ एक ही वीर युद्ध करेगा।
- भय से भागते हुए या शरण में आए हुए लोगों पर अस्त्र-शस्त्र का प्रहार नहीं किया जाएगा।
- जो वीर निहत्था हो जाएगा उस पर कोई अस्त्र नहीं उठाया जाएगा।
- युद्ध में सेवक का काम करने वालों पर कोई अस्त्र नहीं उठाएगा।
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