kakkuk & devraj
नागभट प्रथम के पश्चात उसका भतीजा कक्कुक सिंहासन पर बैठा । तथा कक्कुक के बाद उसका छोटा भाई देवराज सिंहासन पर बैठा । डॉ० चन्द्र पाण्डेय के अनुसार कक्कुक और देवराज दोनों का समय 760 ई. से 783 ई. तक माना जा सकता है। ग्वालियर अभिलेख के अनुसार उसके द्वारा अनेक राजाओं को पराजित करने का उल्लेख है । किन्तु पर्याप्त साक्ष्य न मिल पाने की वजह से उन राजाओ को सूचीबद्ध करना कठिन है जिनको उसने पराजित किया था और इन युद्धो से उसे क्या लाभ हुआ यह भी बताना कठिन है ।
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