Bhangarh Alwar
भानगढ़ जयपुर से लगभग 100 कि.मी. दूर दौसा-राजगढ़ मार्ग पर स्थित है । जयपुर के राजा माधोसिंह ने इस कस्बे को ई.1631 में बसाया था । जनश्रुति है की भानगढ़ का राजा माधोसिंह और उनकी रानी रत्नावली भानगढ़ के सतखण्डे महल में रहते थे । महल के पास ही एक पहाड़ी पर तांत्रिक जादूगर रहता था जिसका नाम “सेवड़ा” था । वह रानी पर आसक्त हो गया और उसे अपने वश में करना चाहता था। एक बार रानी ने अपनी दासी को बाजार भेजा और अपने लिए श्रृंगार की सामग्री मंगवाई । दासी को सामान खरीदता देख सेवड़ा ने सामग्री में अपनी मायावी शक्ति मिला दी, ताकि जो भी उसका प्रयोग करे वह सेवड़ा के वश में हो जाये । जब दासी महल पहुँची तो रानी को सेवड़ा के षड्यंत्र का पता चल गया। रानी को खतरे का आभास हुआ और उसने सामग्री सेवड़ा के पास भिजवा दी । सेवड़ा की मायावी शक्ति उसके स्वयं के विनाश का कारण बन गई । मरते-मरते उसने “भानगढ़” के विनाश का शाप दिया जिससे इतना सुन्दर शहर खण्डहर में बदल गया । आज यह भानगढ़ विश्व के भूतहा स्थानों में गिना जाता है। Click to see Photos of Bhangarh