Caves of Bhimsen Ki Dungri:
विराट नगर में स्थित यह गुफा काफी लम्बी चौड़ी है। इसके नीचे की चट्टान में एक गड्ढा है जिसमें पानी भरा रहता है। इसे भीमलता कहते हैं। महाबली भीमसेन ने महारानी द्रौपदी की प्यास बुझाने के लिए इस चट्टान में लात मारकर पानी निकला था। इसके कुछ आगे तलहटी में पूर्व की तरफ एक शिलाखंड है। इसमें अशोक का शिलालेख है। दो गुफाओं में पाषाणकालीन उपकरण प्राप्त हुए हैं। एक गुफा में भूरि मिटटी का आँगन बना हुआ है। इसमें से जली हुई ईंटें व कांच के गिलास के टुकड़े मिले हैं। इसके पास ही 3 मीटर वर्गाकार की दूसरी गुफा है। इसमें से छिद्र युक्त कई आदिम युगीन औजार प्राप्त हुए हैं। हनुमानजी के मंदिर के नीचे एक बहुत बड़ी गुफा है। इसमें सात मानवाकार आकृतियां आदि मानव द्वारा निर्मित है। इन्हीं पहाड़ियों में पाषाण युगीन हथियारों के निर्माण का बड़ा कारखाना स्थित था जहां से बहुत बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार की कुल्हाड़ियाँ व अन्य औजार मिले हैं।
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