The Splendor of Ancient Sanskrit School : Topkhana -Jalore

Raja Bhoj the glorious ruler of Parmar dynasty built a Sanskrit school in Jalore which later came to be used as Topkhana (chamber of cannons). Its pillars bear inscriptions related to Jain and Hindu temple. In later period, Muslim rulers of Jalore converted it to a mosque.  During the reign…

Beautiful Architecture of Ranakpur Jain Temples

  Ranakpur Adinath Jain Temple is unexcelled in terms of crafts and vastness in India. An amazing and unique sample of ancient crafts Ranakpur is situated near Sadri at Desuri tehsil in Pali district of Rajasthan. It is located between Udaipur and Jodhpur, 94 km from Udaipur and 163 km…

Rules of Mahabharat War महाभारत युद्ध के नियम

महाभारत के युद्ध में तत्कालीन वृहत भारतवर्ष के सभी राज्यों ने भाग लिया था।  कुछ ही राज्य ऐसे थे जो इस युद्ध में तटस्थ थे। इन तटस्थ देशों की देखरेख में कौरवों और पांडवों ने युद्ध के कुछ नियम बनाये।  भले ही युद्ध प्रारम्भ होने के बाद इन नियमों को…

सत्य घटना-अनोखा गवाह

Unique witness of bankim chandra chatterjee: भारतीय साहित्य में बंकिमचन्द्र चटर्जी का नाम कौन नहीं जानता?.. वे जितने सुप्रसिद्ध साहित्यकार रहे हैं उतने ही प्रसिद्ध न्यायाधीश। न्याय करने में वे ऐसी युक्तियों का प्रयोग करते थे कि गवाह के अभाव में भी न्याय किया जा सके। ऐसे ही एक बार……..

Bappa Rawal- The Founder of Mewar Dynasty ये है मेवाड़ के पहले प्रतापी राजा और संस्थापक : बप्पा रावल

मेवाड़ के इतिहास में ‘बापा'(जिसे बप्पा, बाप्प बप्पक आदि नामों से भी पुकारा जाता है ) का बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। फिर भी, प्रामाणिक साक्ष्यों के अभाव में उनका तिथिक्रम तथा उनका जीवनवृत निर्धारित करना बहुत दुष्कर है। ख्यात लेखकों ने इनके सम्बन्ध में कई चमत्कारी तथा कल्पित घटनाएं लिखकर…

जब एक मछली की सत्यनिष्ठा के आगे झुके देवराज इन्द्र

” Bodhisattva as Fish” भारतीय संस्कृति में परोपकार सदा ही मुख्य विषय रहा है। इसी परोपकार को जीवंत करते “बोधिसत्व” के सभी जन्म हमारे लिए आदर्श है। उनका हर जन्म परोपकार व सत्यनिष्ठा का प्रतीक रहा है। इसी जन्म चक्र में एक बार वे कमलों से युक्त तालाब में मछलियों के…

हम्मीर हठ की पराकाष्ठा

 भारत भूमि वीरों की जन्मभूमि है और भारतीय इतिहास इसका साक्ष्य। भारत में कई प्रकार के वीर हुए हैं यथा- युद्धवीर, दानवीर, दयावीर आदि। और वीरों की श्रृंखला में एक अद्भुत नाम है जिसमें ऐसे सभी गुण विद्यमान थे। “चौहान काल के कर्ण”  दान, दया, क्षमा, युद्ध सभी गुणों से पूरित राणा हम्मीरदेव चौहान। जो अपनी हठधर्मिता के…

How should we eat food according to Ayurveda आयुर्वेद के अनुसार भोजन करने का तरीका

प्रसिद्ध आयुर्वेद ग्रन्थ “चरक संहिता” के प्रणेता महर्षि चरक “आयुर्वेद विशारद” के रूप में प्रसिद्ध है। महर्षि चरक ने अपने ग्रन्थ में भोजन सम्बन्धी विचार भी व्यक्त किये हैं, जिनको अपने जीवन में उतार कर हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। भोजन गर्म होना चाहिए हमें गर्म भोजन खाना चाहिए। क्योंकि गर्म…