Samode Rajasthan: सामोद चौमू से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सामोद में शीश महल तथा सुलतान महल दर्शनीय है। शीश महल में कांच का बहुत ही सुन्दर काम है। सुलतान महल में प्रणय तथा शिकार के दृश्यों का अच्छा चित्रांकन किया गया है। अब…
Samode Rajasthan: सामोद चौमू से 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सामोद में शीश महल तथा सुलतान महल दर्शनीय है। शीश महल में कांच का बहुत ही सुन्दर काम है। सुलतान महल में प्रणय तथा शिकार के दृश्यों का अच्छा चित्रांकन किया गया है। अब…
चौमू जयपुर से 31 किलोमीटर दूर है तथा आमेर तहसील में स्थित है। यहां स्थित दुर्ग चौमुहागढ़ के नाम पर यह क़स्बा चौमू कहलाता है। इस दुर्ग की नींव राव करणसिंह नाथावत ने ई. 1595 में रखी। तब यहां सघन वन हुआ करता था। इस दुर्ग की भूमि का चयन…
Bassi Jaipur: बस्सी जयपुर से 33 किलोमीटर दूर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यहां नई का नाथ मंदिर, कल्याणजी का मंदिर तथा अन्य स्थान दर्शनीय हैं। नई का नाथ मंदिर पहाड़ियों के बीच स्थित है तथा काफी प्राचीन है। भगवान शिव के इस मंदिर में श्रावण सुदी 14 को प्रतिवर्ष विशाल मेले…
Diggipuri ka Raja: जयपुर से लगभग 78 किलोमीटर दक्षिण पूर्व में स्थित डिग्गी ‘डिग्गीपुरी के राजा श्रीकल्याणजी’ के मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इंद्र के कोप से दण्डित होकर अप्सरा उर्वशी बारह वर्ष के लिए मृत्युलोक में आई। राजा डिग्गी उस पर मोहित हो गया।…
The prints of human civilization which generated as early as some five millions years have been found in the eastern part of the southern and this eastern territories of Rajasthan. This civilization relates to the people who existed nearly one millions years ago in the…
Bhadwa Jaipur: जयपुर से 72 किलोमीटर दूर स्थित भादवा दादू तथा निरंजनी सम्प्रदाय की पीठों के लिए प्रसिद्द है। भादवा का दादु पीठ ‘स्यामीजी का जागा’ (स्वामीजी की जगह) के नाम से विख्यात है। यह पीठ दादु के शिष्य रज्जब की शिष्य परंपरा में…
Bijak or Bijar Dungri of virat nagar: यह पहाड़ी अपने आधार पर लगभग पौन मील के घेरे में स्थित है। बैराठ के दक्षिण-पूर्वी कोने पर स्थित यह पहाड़ी विशाल स्लेटी प्रस्तर खण्डों से निर्मित है। ह्वेनसांग द्वारा वर्णित आठ बौद्ध मठों में से 2 मठ इस पहाड़ी पर स्थित…
Caves of Bhimsen Ki Dungri: विराट नगर में स्थित यह गुफा काफी लम्बी चौड़ी है। इसके नीचे की चट्टान में एक गड्ढा है जिसमें पानी भरा रहता है। इसे भीमलता कहते हैं। महाबली भीमसेन ने महारानी द्रौपदी की प्यास बुझाने के लिए इस चट्टान में लात मारकर पानी निकला था। इसके कुछ…
Caves of Ganesh Giri: गणेश गिरी बिजार अथवा बीजक की पहाड़ी से लगभग एक किलोमीटर पूर्व में स्थित है। इसमें स्थित एक विशाल गुफा में गणेश जी का मंदिर बना दिया गया है। यहां स्थापित गणेश जी की प्रतिमा प्राकृतिक बताई जाती है। इसकी सर्व प्रथम प्रतिष्ठा महाभारतकाल में महाराजा विराटसेन…
Virat Nagar / Bairath Rajasthan: विराट नगर अथवा बैराठ जयपुर से 66 किलोमीटर दूर उत्तर दिशा में स्थित है। यह अरावली पर्वतमाला के बीच एक गोलाकार घाटी में स्थित है। ये पहाड़ियाँ ताम्र धातु की उपस्थिति के लिए प्रसिद्द है। विराट नगर की…