History of Amritsar in Hindi : नमस्ते मित्रों मैं संजय शर्मा आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूँ। पिछली Post में आपने मेरी Sikar to Amritsar की Bike Ride का Video देखा था। इस पोस्ट के Video में हम अमृतसर के दर्शन करेंगे। इस वीडियो में मैंने सबसे पहले अमृतसर के नामकरण, स्वर्ण मंदिर / हरमंदिर साहेब (The Golden Temple / Harmandir Saheb ) और उसके बसने की जानकारी दी है। उसके बाद जलियांवालाबाग (Jallianwala Bagh) का भ्रमण किया है और इस बाग़ में स्थित इतिहास प्रसिद्ध शहीदी कुआँ दिखाया है। इसके बाद मैं भारत पाकिस्तान की वाघा बॉर्डर Wagah Border गया जहाँ के देशभक्ति से ओतप्रोत वातावरण और परेड को भी आप इस Video में देख सकते हैं।
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Visiting Places in Amritsar
1. धार्मिक स्थल / Religious Places
स्वर्ण मंदिर / Golden temple
स्वर्ण से निर्मित अपने गुंबद के लिए प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर या हरमिंदर साहिब सिक्खों के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थान है। मंदिर 67 फीट वर्गाकार संगमरमर पर निर्मित दो मंजिला इमारत है। यहाँ हर दिन 20,000 (विशेष अवसरों के दौरान 100,000 लोग) से अधिक लोग बिना किसी जाति, वर्ण आदि भेदभाव के ‘गुरु का लंगर’ में नि:शुल्क भोजन के रूप में प्रसाद पाते हैं।
जामा मस्जिद खैरुद्दीन / Jama Masjid Khairuddin
हॉल बाज़ार में स्थित वास्तुकला के इस नायाब सौन्दर्य का निर्माण मोहम्मद खैरुद्दीन ने 1876 में करवाया था। ‘तुती-ए-हिंद’ शाह अताउल्ला बुखारी ने इस पवित्र स्थान पर ब्रिटिश शासन के खिलाफ आह्वान किया था।
भगवान् वाल्मीकि तीर्थ स्थल / Bhagwan Valmiki Tirath Sthal
रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की धरोहर के रूप में ‘भगवान् वाल्मीकि तीरथ स्थल’ अमृतसर शहर से 11 किलोमीटर पश्चिम में लोपोके मार्ग पर स्थित है। यहाँ एक कुटिया (Hut) है जिसके बारे में मान्यता है कि इसमें देवी सीता ने लव और कुश को जन्म दिया था। प्राचीन समय से ही हर साल नवंबर में पूर्णिमा की रात को यहाँ चार दिवसीय मेले का आयोजन किया जाता है।
अमृतसर के अन्य धार्मिक स्थल / Other religious places in Amritsar:
- सेंट पॉल चर्च / St. Paul’s church
- गुरु अंगद देव जी की समाधि / Samadhi of Guru Angad Dev Ji
- श्रवण की समाधि / Samadhi of Shravan
- दुर्गियाना मंदिर (लक्ष्मी नारायण मंदिर) / Durgiana Temple (Lakshmi Narayan Temple)
2. Historical Places / ऐतिहासिक स्थल
वाघा बॉर्डर / Wagha Border
अमृतसर और लाहौर के बीच भारत-पाकिस्तान सीमा पर वाघा नामक सेना चौकी है जहाँ हर शाम परेड समारोह होता है, जिसमें दोनों देशों के सैनिक नानाविध आकर्षक मुद्रायें करते हैं। वे आपस में हाथ मिलाते हैं, तो कभी क्रोध की मुद्राएं बनाते हैं। यह स्थान हर समय देशभक्ति नारों से गूंजता रहता है।
जलियांवाला बाग़ / Jallian Wala Bagh
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग़ में शांतिपूर्ण सार्वजनिक बैठक में भाग ले रहे करीब 2000 निर्दोष लोगों पर जनरल माइकल ओ’ डायर के आदेश से अंधाधुंध गोलियां बरसा कर नरसंहार किया गया था, जिसमें सैंकड़ों लोग शहीद हो गए थे। इस बाग़ की दीवारों पर गोलियों के निशान आज भी देखे जा सकते हैं। अपनी जान बचाने के लिए लोग बाग़ में स्थित एक कुएं में कूदने लगे लेकिन मौत ने उनका वहां भी पीछा नहीं छोड़ा। बाग़ में बना स्मारक उन शहीदों की याद दिलाता है।
खू कल्याणवाला / Khoo Kalianwala
1857 में, जब मंगल पांडे ने अंग्रेजों के विरूद्ध विद्रोह किया, तो लाहौर में तैनात इस विद्रोह से प्रभावित 400 विद्रोही सैनिक अपने बैरकों से बच निकले, और रावी नदी को तैरकर अजनाला पहुंचे। जब अमृतसर के तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर फ्रेड्रिक कूपर को इसकी जानकारी मिली, तो उसने उन सभी को पकड़कर एक बाड़ेनुमा बंद कमरे में बंद करवा दिया जिसमें दम घुटने से 200 सैनिकों की मौत हो गई और बचे हुए सैनिकों को अगली सुबह क्रूरता से गोली मार दी गई। इन सैनिकों के शवों को अजनाला में स्थित कल्याणवाला खू में फेंक दिया गया।
अन्य ऐतिहासिक स्थल / Other historical sites:
• ऐतिहासिक बरगद वृक्ष (शहीदी बोहर) / The Historical Banyan Tree (Shaheedi Bohr)
• पुल कंजारी / Pul Kanjari
• गोबिंदगढ़ किला / Gobindgarh Fort
3. Wild Life Sanctuaries
हरिके पक्षी अभयारण्य / Harike Bird Sanctuary
1953 में निर्मित यह अभयारण्य अमृतसर शहर से 55 किमी दक्षिण में स्थित है जिसे ‘हरि-के-पट्टन’ भी कहा जाता है। इस अभयारण्य के गहरे हिस्से में स्थित हरिके झील उत्तरी भारत की सबसे बड़ी आर्द्रभूमि (wetland) है। इस उथले जलाशय को बनाने के लिए सतलज और बीस (Beas) नदियों के संगम पर एक बाँध का निर्माण किया गया था। सर्दियों के दौरान यह स्थान कछुओं की 7 प्रजातियों, मछलियों की 26 प्रजातियों, और स्तनधारियों की विभिन्न प्रजातियों का निवास होता है। यहाँ आने वाले नानाविध सुन्दर पक्षी दर्शकों का मन मोह लेते हैं।
4. Shopping
स्वर्ण मंदिर के रास्ते पर स्थित हॉल बाजार अमृतसर के सबसे पुराने बाजारों में से एक है। अमृतसरी नान (एक प्रकार की रोटी), पटियाला सलवार, जूतियाँ, हैंडीक्राफ्ट्स,और हथियारों की दुकानें उल्लेखनीय हैं।
‘शास्त्री बाजार’ के अलावा ‘कटरा जयमल सिंह बाजार’ कपड़ों और कपड़ों के सामानों के लिए एक और प्रसिद्ध बाजार है जहां वस्त्र निर्माण उद्योग स्थित हैं। पारंपरिक भारतीय आभूषण ‘जड़ाऊ’ गुरु बाजार में मिलते हैं। रेस्तरां और शोरूम के लिए लोहरी गेट बाजार काफी लोकप्रिय है।