Shri Chintaman Ganesh Mandir,Ujjain History in Hindi | Lord Ram and Sita |
भारत में भगवान् गणेश के अनेक प्रसिद्ध मन्दिर विद्यमान हैं। पिछली पोस्ट में हमने आपको भगवान् गणेश के 10 प्रसिद्ध प्राचीन मंदिरों में बारे में बताया था। आज हम आपको भगवान श्रीगणेश के एक ऐसे प्रसिद्ध मंदिर के बारे में बता रहे हैं जिसके बारे में मान्यता है कि यह भगवान राम और देवी सीता के द्वारा स्थापित किये षट् विनायकों में से एक है। यह है मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित ‘चिंतामण गणेश मंदिर’। कहा जाता है कि यहां दर्शन करने से मनुष्य हर चिंता से मुक्त हो जाता है। यह मंदिर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर से करीब 6 किलोमीटर दूर ग्राम जवास्या में स्थित है।
चिंतामण गणेश मंदिर परमारकालीन है, जो कि 9वीं से 13वीं शताब्दी का माना जाता है। इस मंदिर के शिखर पर सिंह विराजमान है। वर्तमान मंदिर का जीर्णोद्धार अहिल्याबाई होलकर के शासनकाल में हुआ।
प्रचलित किंवदंती-
कहते हैं कि यह मंदिर रामायण काल में राम वनवास के समय का है। जब भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ वन में घूम रहे थे तभी सीता को बड़ी जोरों की प्यास लगी। राम ने लक्ष्मण से पानी लाने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। पहली बार लक्ष्मण द्वारा किसी काम को मना करने से राम को बड़ा आश्चर्य हुआ। उन्होंने ध्यान द्वारा समझ लिया कि यह सब यहां की दोष सहित धरती के कारण हो रहा है। तब उन्होंने सीता और लक्ष्मण के साथ यहां गणपति मंदिर की स्थापना की जिसके प्रभाव से बाद में लक्ष्मण ने यहां एक बावड़ी बनाई जिसे लक्ष्मण बावड़ी कहते हैं।
मंदिर की विशेषता-
मंदिर में एक साथ तीन गणपति प्रतिष्ठित हैं। यहां पार्वतीनंदन तीन रूपों में विराजमान हैं। पहला चिंतामण, दूसरा इच्छामन और तीसरा सिद्धिविनायक। ऐसी मान्यता है कि चिंतामण गणेश चिंता से मुक्ति प्रदान करते हैं, जबकि इच्छामन अपने भक्तों की कामनाएं पूर्ण करते हैं। गणेश का सिद्धिविनायक स्वरूप सिद्धि प्रदान करता है। इस अद्भुत मंदिर की मूर्तियां स्वयंभू हैं।
यहाँ गणेश चतुर्थी, तिल चतुर्थी और प्रत्येक बुधवार को यहां श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रहती है। चैत्र मास के प्रत्येक बुधवार को यहां विशाल मेला भरता है।
कैसे पहुचें-
- यहाँ से निकटतम हवाई अड्डा व इंदौर करीब 60 किलोमीटर दूर है।
- मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी इंदौर से उज्जैन सिर्फ 55 किलोमीटर दूर है।
- रेल, बस और टैक्सियों से भी यहां पहुंचा जा सकता है।
- प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों से उज्जैन के लिए बसें आसानी से मिल जाती हैं।
- ठहरने के लिए यहां होटल और धर्मशालाएं भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं।
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