पिछले लेख में हमने आपको बताया था दिल्ली में गणेश रेस्टोरेंट के प्रेमसिंह के बारे में जो खौलते हुए तेल में हाथ डालते हैं। आज हम आपको एक ऐसे पुजारी के बारे में बता रहे हैं जो खौलती हुई गर्मागर्म खीर से नहाते हैं। जी हाँ, गर्म दूध जो हमारी त्वचा को बुरी तरह झुलसा सकता है, उस पर भी अगर दूध में चावल हों (अर्थात खीर) तो वह यह और भी अधिक खतरनाक हो जाता है। खीर से नहाते समय गर्म चावल के दाने शरीर पर चिपक जाते हैं जो इतनी पीड़ा देते हैं जो थर्ड डिग्री पनिशमेंट से भी कहीं अधिक पीड़ादायी होता है।
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आइये आज आपको मिलवाते हैं वाराणसी से मनु भगत से जो गर्मागर्म खीर के एक-दो नहीं बल्कि कई मटकों से नहाते हैं। ऐसा ही चमत्कार वाराणसी के ही भानी भगत भी करते हैं। भानी भगत बताते हैं कि शीतला माता उन्हें ऐसा कारनामा करने की शक्ति प्रदान करती हैं। इनके द्वारा किये गए इस कारनामे को चमत्कार हम चमत्कार ही कहेंगे क्योंकि यदि बात केवल असहनीय दर्द की होती तो हम कह सकते थे कि निरंतर अभ्यास से उन्होंने दर्द पर विजय पा ली होगी, परंतु यहाँ बात है कि गर्म दूध से जलने पर त्वचा पर निशान पड़ जाता है लेकिन भानी भगत तथा मनु भगत की त्वचा पर इतने मटकों से भी कुछ प्रभाव नहीं पड़ता। यह चमत्कार नहीं तो क्या है। ऐसा कैसे हुआ यह वैज्ञानिक शोध का विषय है, परंतु यह भी सच है कि फ़िलहाल तक तो इस विषय पर विज्ञान भी हार माना हुआ है।
कृपया गर्म दूध से ऐसा करने का प्रयास आप ना करें।